Gupchup Song
The Gupchup song written by Apurva Dhar Badgaiyann and sung by Vibha Saraf. It was composed by Anshuman Mukherjee and released by Saregama in year 2020.
The Gupchup song written by Apurva Dhar Badgaiyann and sung by Vibha Saraf. It was composed by Anshuman Mukherjee and released by Saregama in year 2020.
Gupchup Gupchup Dil Gupchup Gul Khilaye Maane Na Chhuk Chhuk Chhuk Chhuk Dil Chhuk Chhuk Kyun Sataye Jane Na Gupchup Gupchup Dil Gupchup Gul Khilaye Maane Na Chhuk Chhuk Chhuk Chhuk Dil Chhuk Chhuk Kyun Sataye Jane Na Dhak Dhak Dhak Dhak Dhadke Hi Jaye Chhup Chhup Ke Chhup Chhup Ke Shor Machaye Dhak Dhak Dhak Dhak Dhadke Hi Jaye Chhup Chhup Ke Chhup Chhup Ke Shor Machaye Jhilmil Jhilmil Raton Mein Badal Banke Rimhim Rimhim Rimhim Rimhim Dil Yeh Barse Jhilmil Jhilmil Raton Mein Badal Banke Gumsum Gumsum Baithe Baithe Dil Kyun Tarse Gun Gun Dil Gun Gun Gungunaye Maane Na Chhuk Chhuk Chhuk Chhuk Dil Chhuk Chhuk Kyun Sataye Jane Na Gupchup Gupchup Dil Gupchup Gul Khilaye Maane Na Chhuk Chhuk Chhuk Chhuk Dil Chhuk Chhuk Kyun Sataye Jane Na Gupchup Gupchup Dil Gupchup Dil Gupchup Dil Gupchup Gupchup Gupchup Dil Gupchup Dil Gupchup Dil Gupchup Gupchup Gupchup Dil Gupchup Dil Gupchup Dil Gupchup Gupchup Gupchup Dil Gupchup Dil Gupchup Dil Gupchup…
गुप चुप गुप चुप गुप चुप लाम्बा लाम्बा घूँघट काहे को डाला गुप चुप गुप चुप गुप चुप लाम्बा लाम्बा घूँघट काहे को डाला क्या कहीं कर आई तू मुंह काला रे गुप चुप गुप चुप गुप चुप कानों में बतियाँ करती हैं सखियाँ रात किया रे तूने कैसा घोटाला गुप चुप गुप चुप गुप चुप छत पे सोया था बहनोई छत पे सोया था बहनोई मैं तन्ने समझ कर सो गयी मुझको राणा जी माफ़ करना ग़लती म्हारे से हो गयी मुझको राणा जी माफ़ करना ग़लती म्हारे से हो गयी गुप चुप गुप चुप गुप चुप छत पे सोया था बहनोई छत पे सोया था बहनोई मैं तन्ने समझ कर सो गयी मुझको राणा जी माफ़ करना ग़लती म्हारे से हो गयी मुझको राणा जी माफ करना गलती मारे से हो गयी गुप चुप गुप चुप गुप चुप वो बहनोई था बहनोई ठहरा क्यों ना पहचाना तूने पिया जी का चेहरा गुप चुप गुप चुप गुप चुप बहनोई ने ओढ़ रखी थी चादर रखी थी चादर रखी थी चादर मैं समझी पिया का है बिस्तर पिया का है बिस्तर पिया का है बिस्तर आधे बिस्तर पे वो सोया था आधे पे मैं सो गई मुझको राणा जी माफ़ करना ग़लती म्हारे से हो गयी मुझको राणा जी माफ करना गलती मारे से हो गयी गुप चुप गुप चुप गुप चुप दीपक अटारी पे जलाता तो होगा गुप चुप गुप चुप गुप चुप दीपक अटारी पे जलाता तो होगा छिटकी तो होगी छत पे चाँदनीय अपने पराये नज़र ना आया भूल कैसे हो गई तुझसे दुलरिया गुप चुप गुप चुप गुप चुप भूल हुई मुझसे तो कैसा अचम्भा कैसा अचम्भा कैसा अचम्भा बहनोई था पीया जितना लम्बा पिया जितना लम्बा पिया जितना लम्बा चूर थी मैं दिन भर की थकान से पड़ते ही बिस्तर पे सो गई मुझको राणाजी माफ़ करना ग़लती म्हारे से हो गयी मुझको राणाजी माफ़ करना ग़लती म्हारे से हो गयी गुप चुप गुप चुप गुप चुप सोच रहे थे हम सब जैसा गुप चुप गुप चुप गुप चुप तूने किया नहीं कुछ वैसा गुप चुप गुप चुप गुप चुप मुखड़े पे तेरे सच का उजाला रात किया नहीं मुंह तूने काला गुप चुप गुप चुप गुप चुप