Kisi Patthar Ki Murat Se Song
The Kisi Patthar Ki Murat Se song written by Sahir Ludhianvi and sung by Mahendra Kapoor. It was composed by Ravi Shankar Sharma and released by Venus Movies in year 1967.
The Kisi Patthar Ki Murat Se song written by Sahir Ludhianvi and sung by Mahendra Kapoor. It was composed by Ravi Shankar Sharma and released by Venus Movies in year 1967.
Kisi patthar ki murat se Mohabbat kaa irada hai Parastish ki tamanna hai Ibadat kaa irada hai Kisi patthar ki murat se Mohabbat kaa irada hai Parastish ki tamanna hai Ibadat kaa irada hai Kisi patthar ki murat se Jo dil ki dhadakane samajhe Naa aankho ki juban samajhe Najar ki guftagu samajhe naa Jajabon kaa bayan samajhe Najar ki guftagu samajhe naa Jajabon kaa bayan samajhe Usike samane usaki Shikayat kaa irada hai Usike samane usaki Shikayat kaa irada hai Kisi patthar ki murat se Mohabbat kaa irada hai Parastish ki tamanna hai Ibadat kaa irada hai Kisi patthar ki murat se Suna hai har javan patthar Ke dil me aag hoti hai Suna hai har javan patthar Ke dil me aag hoti hai Magar jab tak naa chhedo Sharm ke parde me soti hai Yeh socha hai ki dil ki bat Usake rubaru kah de Natija kuchh bhi nikale Aaj apni aarju kah de Har ik bejan takalluf se Bagavat kaa irada hai Har ik bejan takalluf se Bagavat kaa irada hai Kisi patthar ki murat se Mohabbat berukhi se aur Bhadakegi woh kya jane Mohabbat berukhi se aur Bhadakegi woh kya jane Tabiyat iss ada pe aur Phadkegi woh kya jane Tabiyat iss ada pe aur Phadkegi woh kya jane Woh kya jane ki apna Kis qayamat kaa irada hai Woh kya jane ki apna Kis qayamat kaa irada hai Kisi patthar ki murat se Mohabbat kaa irada hai Parastish ki tamanna hai Ibadat kaa irada hai Kisi patthar ki murat se.
किसी पत्थर की मूरत से मोहब्बत का इरादा है परस्तिश की तमन्ना है इबादत का इरादा है किसी पत्थर की मूरत से मोहब्बत का इरादा है परस्तिश की तमन्ना है इबादत का इरादा है किसी पत्थर की मूरत से जो दिल की धडकने समझे ना आँखों की जुबान समझे नजर की गुफ्तगू समझे ना जज़बों का बयान समझे नजर की गुफ्तगू समझे ना जज़बों का बयान समझे उसके सामने उसकी शिकायत का इरादा है उसके सामने उसकी शिकायत का इरादा है किसी पत्थर की मूरत से मोहब्बत का इरादा है परस्तिश की तमन्ना है इबादत का इरादा है किसी पत्थर की मूरत से सुना है हर जवान पत्थर के दिल में आग होती है सुना है हर जवान पत्थर के दिल में आग होती है मगर जब तक ना छेड़ो शर्म के पर्दे में सोती है यह सोचा है की दिल की बात उसके रूबरू कह दे नतीजा कुछ भी निकले आज अपनी आरजु कह दे हर इक बेजान तकल्लुफ से बगावत का इरादा है हर इक बेजान तकल्लुफ से बगावत का इरादा है किसी पत्थर की मूरत से मोहब्बत बेरुखी से और भड़केगी वह क्या जाने मोहब्बत बेरुखी से और भड़केगी वह क्या जाने तबियत इस ऐडा पे और फड़केगी वह क्या जाने तबियत इस ऐडा पे और फड़केगी वह क्या जाने वह क्या जाने कि अपना किस क़यामत का इरादा है वह क्या जाने कि अपना किस क़यामत का इरादा है किसी पत्थर की मूरत से मोहब्बत का इरादा है परस्तिश की तमन्ना है इबादत का इरादा है किसी पत्थर की मूरत से.